जमीन का पट्टा क्या है पूरी जानकारी 2024

भारत सरकार द्वारा देश के नागरिको को देश के भूमिहीन और खेतिहर मजदुर परिवारों को विभिन्न प्रकार के जमीन खेती करने, घर बनाने या अन्य कार्यो के लिए जमीन का पट्टा दिया जाता है| ताकि गरीब परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार किया जा सकें। आपने भी पट्टा के बारे में जरूर सुने होंगे लेकिन अधिकांश लोग पट्टा के बारे में पूरी बात नहीं जानते है जिसकी पूरी जानकारी इस पोस्ट में दी जा रही है|

आप जिस भी जमीन पर रहते है उस जमीन का मालिकाना हक़ देने के लिए जमीन का पट्टा कराया जाता है| जमीन पट्टा अलग अलग प्रकार के होते है। जैसे कृषि आबंटन, आवास स्थल आबंटन, मत्स्य पालन हेतु तालाब का पट्टा, वृक्षारोपण हेतु भी भूमि आबंटित किया जाता है। ये एक तय सीमा के लिए होता है। एक बार पट्टा प्राप्त होने के बाद नागरिक उस जमीन का उपयोग उद्देश्य के अनुसार कर सकता है। जैसे -आवास बनाने के साथ, मत्स्य पालन, आदि | इसलिए आप इस पोस्ट जमीन का पट्टा क्या है में दी गयी पूरी जानकारी को पूरा जरुर देखें | तो चलिये शुरू करते हैं |

jamin ka patta kya hai

जमीन का पट्टा क्या है और कैसे मिलता है ?

असंक्रमयी जमीन या सरकारी जमीन को निश्चित अवधि के लिए जमीन का पट्टा आर्थिक रूप से कमजोर और आवासहीन परिवारों तथा भूमिहीन गरीब खेतिहर मजदूरों को प्रदान किया जाता है. इस पट्टे के मदद से मजदूरों को विभिन्न प्रकार के सुविधाओं का लाभ भी मिलता है.

  • संक्रमयी भूमि
  • असंक्रमयी भूमि

संक्रमयी भूमि: अगर कोई जमीन किसी व्यक्ति के नाम पर है, तो जमीन पर वह घर का निर्माण कर सकता है यहाँ तक की वह उस जमीन को बेचा भी सकते है.

असंक्रमयी भूमि: यह ऐसा जमीन होता है जो किसी के नाम पर नही है, तो उस जमीन के लिए पट्टा बनवा सकते है. इस तरह की जमीन का पट्टा बनवाने के लिए कोई शुल्क नही लगता है. ऐसे जमीन को गरीब मजदूर व्यक्ति को सरकार निश्चित अवधि के लिए प्रदान करती है.

इस तरह के जमीन के पट्टा को आप बेच नही सकते है. अर्थात, जिस उदेश्य से आपके पास वह जमीन है सिर्फ उसी काम के लिए उसका उपयोग कर सकते है|

जमीन का पट्टा किसे मिल सकता है?

जमीन का पट्टा देने के लिए अलग अलग रज्यो में राज्य सरकार अलग-अलग प्रकार की नियम एवं शर्तें बनाती है. परन्तु जो जमीन का पट्टा देने की की प्रकिया है वह गरीब या भूमिहीन को आबंटित किया जाता है.

इसके अलावे, किसी भी व्यक्ति को जमीन का पट्टा प्रदान करने के लिए sc, st, obc या सामान्य वर्ग का होना जरुरी नहीं है. किसी भी वर्ग के भूमिहिन् या गरीब परिवार को आवासीय पट्टा प्रदान किया जा सकता है |

भूमि पट्टा अधिनियम

उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, गुजरात के साथ देश के सभी राज्यों में पट्टा प्रदान किया जाता है और इसके लिए सरकार ने अधिनियम भी बनायें है। नीति आयोग द्वारा दिए गए पट्टा प्रस्ताव के अनुसार भूमिहीन और खेतिहर मजदुर को भूमि पट्टा प्रदाय करके खेती को पुनर्जीवित करके कृषि उत्पादकता बढ़ाने में मदद करना है। जिन किसानों ने जमीन का पट्टा ले रखा है वो पट्टा अधिनियम के तहत फसल की क्षति के लिए मुआवजे का लाभ ले सकते है।

  1. पट्टा अधिनियम के अनुसार भूमि मालिकों को किरायेदार किसानों को बिना किसी डर के भूमि, को पट्टे पर देने की इजाजत है।
  2. पंजाब, हरियाणा, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में किरायेदारों को ज़मीन की अवधि के ख़त्म होने के बाद मालिक से जमीन खरीदने का अधिकार है।

सामान्य प्रश्न (FAQs)

क्या पट्टे की जमीन की रजिस्ट्री हो सकती है?

हाँ, इसके लिए सरकार द्वारा नियम एवं शर्तें पहले से ही निर्धारित की गई होती है. पट्टे की रजिस्ट्री कराने के लिए व्यक्ति उस जमीन की सरकारी रेट पर शुल्क देनी पड़ेगी तथा इसके लिए पात्रता मापदंड को भी पूरा करना पड़ेगा.

जमीन का पट्टा किसको मिलता है ?

अगर आप गरीब है या भूमिहीन है तब आपको सरकार द्वारा पट्टा आबंटित किया जाता है। पट्टा प्रदान करने के लिए राज्य के अनुसार अलग अलग मापदंड हो सकते है। किसी व्यक्ति को जमीन का पट्टा प्रदान करने के लिए sc, st, obc या सामान्य वर्ग का होना जरुरी नहीं। किसी भी वर्ग के भूमिहीन परिवारों को आवासीय पट्टा प्रदान किया जा सकता है।

जमीन का पट्टा कैसे मिलता है ?

अगर चाहते है कि आवासीय पट्टा आपको प्रदान किया जाय या खेती के लिए आप सरकारी जमीन का पट्टा बनवाना चाहते है तब आपको इसके लिए पात्रता होना आवश्यक है। इसके लिए आपको ग्राम पंचायत का प्रमाण पत्र होना आवश्यक है। ग्राम सभा में अनुमोदित प्रमाण पत्र के आधार पर आगे की प्रक्रिया की जाएगी। इसे साथ ही आपके भूमिहीन होने से सम्बंधित दस्तावेज भी लग सकता है।