नजूल भूमि मालिकाना हक किसका, जाने पूरी जानकारी

नजूल भूमि क्या है और यह किसके अधिकार क्षेत्र में आती है यह आप इस पोस्ट के माध्यम से जानेंगे । बहुत से लोगों को यह पता नहीं होता है की नस्ल भूमि क्या है और वह उसे क्षेत्र में अपना आवास बना लेते हैं या किसी भी धोखाधड़ी कर शिकार होकर अपना खुद का आवास नजर भूमि क्षेत्र में बना लेते हैं । इसके बाद उन्हें भविष्य में विवादों का सामना करना पड़ता है ।

आप इस पोस्ट के माध्यम से जानेंगे कि नजूल भूमि क्षेत्र क्या है और इस पर हम किस प्रकार किसी भी प्रकार का व्यापार अथवा आवास कैसे बनाएं और इसके विवादों से हम भविष्य में कैसे बच सकते हैं । इन सारी प्रक्रियाओं को आप इस पोस्ट के माध्यम से देखेंगे । अगर आप जमीन संबंधी और किसी भी पोस्ट या जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप हमारे पोस्ट को भी जरूर पढ़ें जिससे आप अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए आप इस पोस्ट नजूल भूमि क्या है और मालिकाना हक किसका, जाने पूरी जानकारी में दी गई पूरी जानकारी को पूरा जरूर देखें। तो चलिए शुरू करते हैं।

नजूल भूमि क्या है और मालिकाना हक किसका, जाने पूरी जानकारी

नजूल भूमि क्या है?

वह जमीन जो न तो सरकार की न ही राजस्व गांव की होती है वह नजूल भूमि कहलाती है । नजूल भूमि पर बसे लोगों को मालिकाना हक नहीं मिल पता है । इस भूमि को पट्टे के रूप में दिया जाता है । नजूल भूमि पर लोगो को बसने पर भी वह जमीन सरकार के अनुमति बिना उनकी नहीं हो सकती है ।

विभिनन इलाको में “यह नजूल की जमीन (Nazool Land) है” का बोड लगा रहता है इसका मतलब है की इन जमीनों पर अपना पूर्व स्वामित्व साबित करने के लिए उचित दस्तावेज़ों थे ही नहीं ।

नजूल की जमीन (Nazool Land) का स्वामित्व संबंधित राज्य सरकारों के पास होता है । राज्य संपत्ति के रूप में प्रशासित नहीं किया जाता है ।

नजूल भूमि (स्थानांतरण) नियम, 1956 में सरकार आम तौर पर नज़ूल भूमि का उपयोग सार्वजनिक उद्देश्यों जैसे स्कूलों, अस्पतालों, ग्राम पंचायत भवनों आदि के निर्माण के लिए करती है ।

नजूल भूमि के अतिक्रमण

किसी और की संपत्ति का अनधिकृत उपयोग या कब्ज़ा है।

भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), 1860 की धारा 441 द्वारा भूमि अतिक्रमण परिभाषित किया गया है किसी अपराध को करने, संपत्ति पर कब्ज़ा करने की धमकी देने या बिन बुलाए भूमि पर रहने की अनुमति के बिना किसी और की संपत्ति में अवैध रूप से प्रवेश करने का कार्य है।

नजूल भूमि को राज्य आम तौर पर एक निश्चित अवधि के लिए पट्टे पर आवंटित करता है, आमतौर पर 15 से 99 साल के बीच देती है ।

पट्टे की अवधि समाप्त हो रही है, तो कोई व्यक्ति स्थानीय विकास प्राधिकरण के राजस्व विभाग को एक लिखित आवेदन जमा करके पट्टे को नवीनीकृत करने के लिए प्राधिकरण से संपर्क कर सकता है।

सरकार नज़ूल भूमि को वापस लेने या पट्टे को नवीनीकृत करने या इसे रद्द करने के लिए स्वतंत्र है।

नज़ूल भूमि का उपयोग सार्वजनिक उद्देश्यों जैसे स्कूल, अस्पताल, ग्राम पंचायत भवन आदि के निर्माण के लिए करती है।

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भूमि के सामान्य प्रश्न

जमीन कितने प्रकार के होते है ?

भूमि उपयोग के अनुसार इसके वर्गीकरण इस प्रकार है – वन भूमि ,कृषि योग्य भूमि ,स्थायी चारागाह एवं पशुचारण वृक्षों एवं झाड़ियों के अंतर्गत भूमि ,बंजर तथा कृषि अयोग्य भूमि ,गैर-कृषि उपयोग हेतु प्रयुक्त भूमि ,सामुदायिक क्षेत्र भूमि ,सड़क भूमि ,धार्मिक न्यास भूमि ,चालू परती ,छोटा जंगल ,छोटी नदी ,पुरानी परती ,लावारिस जगह ,छोटा बांध ,जलाशय एक से अधिक बार बोया गया क्षेत्र इत्यादि ।

सरकारी जमीन के प्रकार की लिस्ट कैसे देखें?

सरकारी जमीन के प्रकार देखने के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। राजस्व विभाग ने भू अभिलेख एवं भू नक्शा में भूमि का प्रकार आप upbhulekh.gov.in वेब पोर्टल पर भी चेक कर सकते है।