अगर आप एक किराएदार हैं और आप कहीं भी किराया के मकान में रह रहे हैं तो आप अपने अधिकारों और मकान मालिक के अधिकारों को जानकर अपने किसी भी विवाद से छुटकारा पा सकते हैं अर्थात आप कभी भी किसी भी कानूनी मदद से अपने आप को सुरक्षित कर सकते हैं। कई बार मकान मालिक और किराएदार के बीच विभिन्न मामलों में मामलों में विवाद उत्पन्न हो जाता है जिसका आंसर किराएदार को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है ।
इसलिए आप अगर एक किराएदार हैं तो आप इस पोस्ट के माध्यम से सभी जानकारी प्राप्त करेंगे कि आपके कौन-कौन से अधिकार हैं। आप इस पोस्ट में कानून की मदद किस प्रकार ले सकते हैं यह जानेंगे साथ-साथ अगर आप शहर गांव कहीं भी हैं और आप किसी भी तरह का विवाद का सामना कर रहे हैं तो आप इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें। इसलिए आप इस पोस्ट किरायेदारों के लिए जानें सारे अधिकार में दी गई पूरी जानकारी को पूरा जरूर देखें। तो चलिए शुरू करते हैं।
किरायेदारों के कौन-कौन से अधिकार
- किराएदार और मकान मालिक के बीच अक्सर किसी न किसी विवाद के कारण सामान्य स्थिति बिगड़ जाती है इसके कारण किरायेदारों को विभिन्न प्रकार के कानूनी विवादों का सामना करना पड़ जाता है जिसके लिए सरकार ने हम विभिन्न प्रकार की अधिकार दिए हैं ।
- निजी जीवन का अधिकार जिसके अनुसार मकान मालिक को किसी भी किराएदार के घर में बिना अनुमति प्रवेश नहीं मिलता है।
- किराएदार को किसी विवाद हो जाने पर मकान मालिक द्वारा हटाए जाने के लिए बेदखली का आवेदन करना पड़ता है जिसके बिना किराएदार को आप जबरदस्ती नहीं हटा सकते हैं।
- किराएदारों को जमानत राशि वापसी का अधिकार भी उपलब्ध है जिस कारण किराएदार अगर मकान में किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं पहुंचता है या किसी भी प्रकार की भागीदारी नहीं लेता है तो उसे जितनी भी जमानत राशि है वापस कर दी जाती है।
- सुविधाओं का उपयोग का अधिकार भी महत्वपूर्ण अधिकारों में एक है जिसमें मकान मालिक से किराएदार उचित किराया देकर सुविधाओं का उपयोग जैसे बिजली का उपयोग पानी गैस पार्किंग इत्यादि जरूरतमंद सुविधाओं के प्रयोग कर सकते हैं।
- किराएदारों को संपत्ति पर की सुरक्षा का भी अधिकार है जिसमें आग, चोरी या आपात स्थिति में मकान मालिक को द्वारा सुरक्षा प्रदान किया जाता है।
- किरायेदारों को उचित किराया का भुगतान करने का भी अधिकार है मकान मालिक अगर उचित किराया नहीं लेते हैं तो किराएदार द्वारा उन पर कानूनी मुकदमा चलाया जा सकता है ।
किरायेदारों के अधिकारों के लिए कानून
- मकान मालिक और किरायेदार अधिनियम (1988)
- किरायेदार के अधिकार अधिनियम (1974) यह अधिकार मकान मालिक को किरायेदार के घर में बिना अनुमति के प्रवेश करने से रोकता है। किराएदार को अनुचित बेदखली के खिलाफ सुरक्षा का अधिकार है।
- किराएदार अधिकारों का उल्लंघन पर वकील से सलाह ले सकते हैं ।
- निःशुल्क कानूनी सेवा प्रदान करने वाली एजेंसी आपको कानूनी सहायता प्रदान कर सकती है ।
- किरायेदार यूनियन से भी अधिकारों का उल्लंघन पर वकील से सलाह ले सकते हैं ।
किरायेदारों के सामान्य प्रश्न
किरायेदारों के लिए सुप्रीम कोर्ट का नियम क्या है?
किराया नियंत्रण कानूनों से संबंधित निर्धारित प्रक्रिया का पालन करके किरायेदार को बेदखल किया जा सकता है ।
किरायेदार कितने साल बाद मालिक बनता है?
यदि कोई किरायेदार एक मकान में 12 साल तक लगातार रहता है तो वह उस प्रॉपर्टी पर मालिकाना हक का दावा कर सकता है ।
मकान मालिक का अधिकार क्या है?
मकान मालिक और किरायेदार के बीच रेंट एग्रीमेंट होना जरूरी है।
मकान मालिक अधिकतम कितना किराया बढ़ा सकता है?
मकान मालिकों और किरायेदारों के बीच विश्वास की कमी को पाटने के लिए केंद्र सरकार ने 2 जून, 2021 को मॉडल किरायेदारी अधिनियम को मंजूरी दे दी है। जमीन मालिक ने अतिक्रमण किया है तो आप आईपीसी की धारा 441 के तहत पुलिस में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
मकान मालिक को किराया देने वाले व्यक्ति को हम क्या कहते हैं?
किरायेदार जो किसी अन्य के स्वामित्व वाली जगह पर रहता है और आमतौर पर किराया चुकाता है।