यूपी में नजूल भूमि में किया बड़ा संशोधन जाने क्या हुई परिवर्तन

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नजूल भूमि पर विभिन्न प्रकार के संशोधनों के द्वारा अनेक परिवर्तन किए गए हैं । जिसके माध्यम से लोगों को और नजूल भूमि में घर बनाने के लिए जमीन मुहैया कराई जाएगी । नजूल भूमि जिस पर मालिकाना हक किसी का नहीं होता है और यह नजूल भूमि पट्टे के स्वरूप में दिए जाते हैं । नजूल भूमि पर अब उत्तर प्रदेश सरकार विभिन्न प्रकार के योजनाओं का क्रियान्वयन करने जा रही है |

युपी सरकार नजूल भूमि के सार्वजनिक उपयोग की अनुमति को प्राथमिकता देने जा रही है नजूल भूमि का विकास संभव हो पाएगा | अगर आप नजर भूमि के बारे में जानना चाहते हैं तो आप हमारे और पोस्ट को जरूर देखें। आप इस पोस्ट के माध्यम से यूपी में नगला भूमि में किए गए संशोधन ऑन के बारे में जानेंगे। आप इस पोस्ट के माध्यम से यूपी में नजर भूमि में किया गया बाद संशोधन जाने क्या हुई परिवर्तन में दी गई जानकारी को देखें ।

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यूपी में नजूल भूमि में किया बड़ा संशोधन

  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उत्तर प्रदेश नजूल संपत्तियों के सर्वाजनिक उपयोगार्थ अधिनियम पारित किया गया ।
  • शहरी क्षेत्रों में गरीबों के घर बनाने के लिए नजूल संपत्तियों का उपयोग किया जायेगा ।
  • खाली या गैर पत्ता वाली नजूल भूमि पर अब गरीबों के लिए मकान बनाए जाएंगे।
  • नजूल भूमि पर अब यूपी सरकार जरूरत के आधार पर सड़क पार्क या और योजनाओं के अनुसार उपयोग करेगी ।
  • खाली पड़े या बिना पट्टे वाली नजूल भूमि पर सरकार टाउनशिप का निर्माण करेगी।

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यूपी में नजूल भूमि में संशोधन क्यों

अंग्रेजों के जमाने के गवर्नमेंट ग्रांट एक्ट-1895 के रद्द होने के बाद से सभी नजूल नीतियां स्थगित हैं जिससे नजूल भूमि को लेकर यथास्थिति बनी हुई है। जिसके लिए यूपी सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश नजूल संपत्ति (लोक प्रयोजनार्थ प्रबंध और उपयोग) अध्यादेश-2024 को भी मंजूरी दी गई।

उत्तर प्रदेश सरकार निजी व्यक्तियों या संस्था को नजूल भूमि का स्वामित्व नहीं देगी। पट्टा अवधि खत्म होते ही सरकार पट्टेदार को बेदखल कर नजूल भूमि वापस ले लेगी। सिर्फ विभागों को सार्वजनिक उपयोग के लिए नजूल भूमि दी जाएगी।

केंद्र सरकार द्वारा पुराने पड़ चुके कानूनों को समाप्त कर दिया। 2020 में इस एक्ट के खत्म होने के बाद नजूल नीति स्वत: समाप्त हो गई। अब राज्य सरकार द्वारा नियंत्रित की जाएगी ।

उत्तर प्रदेश नजूल संपत्ति (लोक प्रयोजनार्थ प्रबंध और उपयोग) अध्यादेश-2024 से नजूल भूमि का पूर्ण स्वामित्व निजी व्यक्ति या संस्था को नहीं मिलेगा।पट्टे की अवधि समाप्त होने के बाद संबंधित जमीन सरकार वापस ले लेगी।सभी जगह की नजूल जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराया जाएगा। ऐसी जमीन अब सिर्फ सरकारी विभागों को दी जाएगी ताकि वे उनका सार्वजनिक परियोजनाओं के लिए इस्तेमाल कर सकें। विभागों को भूमि का अर्जन किए बिना ही भूमि उपलब्ध हो सकेगी।

नजूल संपत्ति के सामान्य प्रश्न

जमीन कितने प्रकार के होते है ?

भूमि उपयोग के अनुसार इसके वर्गीकरण इस प्रकार है – वन भूमि ,कृषि योग्य भूमि ,स्थायी चारागाह एवं पशुचारण वृक्षों एवं झाड़ियों के अंतर्गत भूमि ,बंजर तथा कृषि अयोग्य भूमि ,गैर-कृषि उपयोग हेतु प्रयुक्त भूमि ,सामुदायिक क्षेत्र भूमि ,सड़क भूमि ,धार्मिक न्यास भूमि ,चालू परती ,छोटा जंगल ,छोटी नदी ,पुरानी परती ,लावारिस जगह ,छोटा बांध ,जलाशय एक से अधिक बार बोया गया क्षेत्र इत्यादि ।

सरकारी जमीन के प्रकार की लिस्ट कैसे देखें?

सरकारी जमीन के प्रकार देखने के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। राजस्व विभाग ने भू अभिलेख एवं भू नक्शा में भूमि का प्रकार आप upbhulekh.gov.in वेब पोर्टल पर भी चेक कर सकते है।

नजूल की भूमि क्या होती है?

नजूल भूमि वह होती है, जो न तो सरकार ( Government ) की न ही राजस्व गांव । इस भूमि को राज्य सरकार नियंत्रित करती है । यह भूमि अंगेजो के समय से किसी मालिक के है ।

क्या नजूल की जमीन ट्रांसफर की जा सकती है?

जिस भूमि पर किसी का भी मालिकाना अधिकार नहीं होता है कोई भी नजूल की जमीन जो शासकीय रिकॉर्ड में नजूल के नाम पर दर्ज़ है, उस जमीन का हस्तांतरण हो सकता है, लेकिन उस जमीन का मालिकाना हक नहीं बदला जा सकता है ।